पाहुर बांटने निकली नाऊन का गांव की ही एक स्त्री से वार्तालाप...
कँहवां बाड़ू ऐ भौजी...!!!
के बा हो, हेन्ने आवऽ हेन्ने...
राम-राम भौजी, लऽ आपन पाहुर पकड़ऽ, पंडिताईन के पतोहिया का गवना आईल बा।
का हो बीबी, कइसन बा पतोहिया..??
एकदम तोहरा परछाईं बिया भौजी। अइसने छोट-छोट आंख, इहे तोता अस नाक अउर अइसने पातर-पातर ओठ...
चलऽ चलऽ, लागत बा केहु मिलल नइखे सबेरा से। बुढ़ाई दाईं तोहू के मजाक सूझल ह...
नांही भौजी, तोहार किरिया। देखे-सुने में तोहरे छपा उतार ह। पंडिताईन के त भाग खुल गईल, अइसन सुघ्घर पतोहू पाय के।
अरे बस करऽ बीबी, पंडिताईन के भाग खुलल के उ लइकिया(पतोहिया) के भाग फूट गईल।
सांच कहत बाड़ू भौजी, ऐक्के कुलबोरना बा पंडिताईन क बेटवा। दुनिया में अइसन कउनो नीच काम नईखे, जउन उ सढ़वा न कईले होय। तब्बो ई फूल जईसन लईकी रहल भाग में।
भगवान करै पतोहिया के भाग से ओकरो दिमाग पलट जाए।
ठीके कहत बाड़ू ऐ भौजी... चलीं, अबहीं त आधा गांव बाकी बा पाहुर बाटे के। राम-राम...
आपन = अपना
भाग = भाग्य
नाऊन = गांव की ही स्त्री जो किसी के घर शुभ अवसर की मिठाइयां आस-पड़ोस में बांटती है।
बाड़ू = हो।
हेन्ने = यहां
पाहुर = भेंट की जाने वाली कई प्रकार की मिठाइयाँ जैसे माठ, खाझा इत्यादि
पतोहिया = बहू / पुत्रवधू
गवना = कम उम्र में शादी के उपरांत कुछ वर्षों तक मायके में रहने के बाद लड़की का ससुराल लौटना।
किरिया = कसम
छपा उतार = प्रतिछाया
बीबी = ननदों को किया जाने वाला एक प्रकार का संबोधन।
कुलबोरना = कुल की प्रतिष्ठा डुबाने वाला
नईखे = नहीं
सढ़वा = सांड
✍️✍️ प्रियन श्री ✍️✍️
Vah vah Priyan G vah..chha gyi nipta di aap ..chauchak likhi hai ek dm mja aai gva hai
ReplyDeleteबहुत - बहुत शुक्रिया 🙏
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